कम पानी पीने से शरीर में क्या होता है?
कम पानी पीने से शरीर पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। पानी हमारे शरीर के विभिन्न कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक होता है। पानी की कमी से उत्पन्न होने वाले कुछ मुख्य प्रभाव इस प्रकार हैं:
1. डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण):-
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा सामान्य स्तर से कम हो जाती है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और इसमें निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:-
*प्यास लगना
*मुंह सूखना
*थकान और कमजोरी
*चक्कर आना
*मूत्र का रंग गाढ़ा होना और उसकी मात्रा कम हो जाना
2. किडनी फेलियर:-
किडनी हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती हैं। पर्याप्त पानी न पीने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक पानी की कमी किडनी स्टोन्स (गुर्दे की पथरी) का कारण भी बन सकती है।
3. पाचन समस्याएं:-
पानी की कमी से पाचन तंत्र में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
जैसे:-
*कब्ज: पानी आंतों में भोजन को नरम बनाने में मदद करता है। पानी की कमी से कब्ज की समस्या हो सकती है।
*अपच: पेट में एसिड का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं।
4. त्वचा की समस्याएं:-
शरीर में पानी की कमी से त्वचा शुष्क हो सकती है और उसमें झुर्रियाँ आ सकती हैं। हाइड्रेटेड त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है, जबकि पानी की कमी से त्वचा की लोच (इलास्टिसिटी) कम हो सकती है।
5. मस्तिष्क के कार्य पर प्रभाव:-
मस्तिष्क के कार्यों पर पानी की कमी का सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, स्मरण शक्ति कमजोर हो सकती है, और मानसिक थकान हो सकती है।
6. हृदय और रक्तचाप:-
पानी की कमी से रक्त का घनत्व बढ़ जाता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
7. शारीरिक प्रदर्शन:-
शरीर में पर्याप्त पानी की कमी से शारीरिक प्रदर्शन पर भी असर पड़ता है।
जैसे:-
मांसपेशियों की थकान और कमजोरी
शारीरिक सहनशक्ति में कमी व्यायाम के दौरान अधिक थकान और कम ऊर्जा!
कम पानी पीने से शरीर में क्या होता है?
8. तापमान नियंत्रण:-
पानी हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पसीने के माध्यम से शरीर से गर्मी निकलती है, लेकिन पानी की कमी से यह प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे हीट स्ट्रोक (गर्मी का झटका) का खतरा बढ़ जाता है।
9. प्रतिरक्षा प्रणाली:-
पानी की कमी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है।
10. संयुक्त समस्याएं:-
जोड़ों में पानी की कमी से जोड़ों का दर्द और गठिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हड्डियों और जोड़ो के लिए पानी एक प्रकार का लुब्रिकेंट (चिकनाई) का काम करता है, जो उन्हें स्वस्थ और लचीला बनाए रखने में मदद करता है।
पानी की कमी से बचने के उपाय:-
नियमित रूप से पानी पिएं: सुनिश्चित करें कि आप दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। अधिकांश विशेषज्ञ दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं।
*जलयुक्त भोजन खाएं: ऐसे फलों और सब्जियों का सेवन करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे तरबूज, खीरा, संतरा, अंगूर आदि।
*प्यास के संकेतों को पहचानें: जब भी प्यास लगे, तुरंत पानी पिएं। प्यास लगना शरीर का संकेत होता है कि उसे पानी की जरूरत है।
*व्यायाम के दौरान अधिक पानी पिएं: शारीरिक गतिविधियों के दौरान अधिक पसीना निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए व्यायाम करते समय और बाद में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
*गर्मी के मौसम में ध्यान रखें: गर्मियों में शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए इस मौसम में विशेष रूप से पानी की मात्रा बढ़ा दें।
निष्कर्ष:-
कम पानी पीने से शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए और विभिन्न शारीरिक क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना अत्यंत आवश्यक है। पानी की कमी से बचने के लिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी