Bhandare wale Aloo ki Sabji,|
Bhandare wale Aloo ki Sabji banane
ki Vidhi (भंडारे वाले आलू की सब्जी रेसिपी)
भंडारे वाले आलू की सब्जी एक आलू की सब्जी है, जो हवन और पूजा के बाद भंडारा नामक खुले भोजन प्रणाली में लोकप्रिय रूप से परोसी जाती है। भंडारा एक धार्मिक समारोह के बाद परोसा जाने वाला भोजन है और यह पूरी तरह से सात्विक (प्याज और लहसुन रहित) प्रकृति का होता है। भंडारे वाले आलू की सब्जी एक पारंपरिक उत्तर भारतीय करी है जो आमतौर पर मंदिर या घर पर 'पूजा' या 'हवन' के दौरान बनाई जाती है। इस स्वादिष्ट करी को बनाने की एक प्रामाणिक रेसिपी यहाँ दी गई है।
Bhandare wale Aloo Sabji Ki Ingredients:-
- आलू: 4-5 मध्यम आकार के (उबले हुए)
- टमाटर: 3-4 (बारीक कटे हुए)
- हरी मिर्च: 2-3 (बारीक कटी हुई)
- अदरक: 1 इंच टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- तेल/घी: 2-3 बड़े चम्मच
- जीरा: 1 छोटी चम्मच
- हींग: एक चुटकी
- हल्दी पाउडर: 1/2 छोटी चम्मच
- धनिया पाउडर: 1 बड़ी चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर: 1/2 छोटी चम्मच (स्वादानुसार)
- गरम मसाला: 1/2 छोटी चम्मच
- काली मिर्च पाउडर: 1/4 छोटी चम्मच
- अमचूर पाउडर: 1 छोटी चम्मच (वैकल्पिक)
- हरा धनिया: 2 बड़े चम्मच (बारीक कटा हुआ)
- पानी: आवश्यकतानुसार
- नमक: स्वादानुसार
Bhandare wale Aloo Sabji Ki Cooking Method:-
सबसे पहले आलू को अच्छी तरह धोकर कुकर में उबाल लें। 2-3 सीटी आने तक आलू को मध्यम आंच पर उबालें। जब आलू अच्छी तरह से उबल जाएं, तो उनका छिलका उतार लें और हल्के हाथ से छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें। ध्यान रहे कि इन्हें ज्यादा मैश न करें, बस मोटे-मोटे टुकड़े ही रखें, ताकि सब्जी में उनका अच्छा टेक्सचर बना रहे। अब एक कढ़ाई या पैन में तेल या घी गरम करें। भंडारे की सब्जी में घी का उपयोग स्वाद को और भी अधिक बढ़ा देता है। जब तेल/घी गरम हो जाए, तो उसमें जीरा डालें और उसे तड़कने दें। इसके बाद एक चुटकी हींग डालें, जिससे सब्जी का स्वाद और सुगंध और भी बेहतर हो जाए। अब इसमें बारीक कटी हुई हरी मिर्च और कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें। इन्हें 1-2 मिनट तक मध्यम आंच पर भूनें। इसके बाद कटे हुए टमाटर डालें और इन्हें नरम होने तक पकने दें। टमाटर अच्छी तरह से पक जाने पर इसमें हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालकर मसाले को अच्छी तरह से भूनें। मसाले को तब तक भूनें जब तक कि तेल किनारों से अलग न होने लगे। जब मसाला अच्छी तरह से भुन जाए, तब इसमें उबले और तोड़े हुए आलू डालें। आलू को मसाले में अच्छी तरह से मिलाएं ताकि मसाले का स्वाद आलू में अच्छे से समा जाए। आप चाहें तो इस समय थोड़ा सा गरम मसाला और काली मिर्च पाउडर भी डाल सकते हैं, इससे सब्जी में अधिक स्वाद आएगा। भंडारे वाले आलू की सब्जी में थोड़ा पतलापन होता है, इसलिए इसमें पानी डालना आवश्यक होता है। आवश्यकतानुसार पानी डालें और सब्जी को मध्यम आंच पर 8-10 मिनट तक पकने दें। सब्जी में अच्छे से उबाल आने दें और आलू पूरी तरह से मसालों में समा जाएं। अंत में, सब्जी में अमचूर पाउडर डालें, जिससे इसमें हल्का खट्टापन आएगा। साथ ही बारीक कटा हुआ हरा धनिया डालकर सब्जी को गार्निश करें। अमचूर पाउडर न हो तो आप इसके बदले में थोड़ा सा नींबू का रस भी डाल सकते हैं। भंडारे वाले आलू की सब्जी अब तैयार है। इसे पूरी, कचौड़ी, या पराठे के साथ गरमा-गरम परोसें। आप चाहें तो इसे सादे चावल के साथ भी खा सकते हैं।
Tips:-
- आलू का सही टेक्सचर: इस सब्जी में आलू को ज्यादा मैश न करें, उन्हें हल्का मोटा ही रखें ताकि सब्जी का स्वाद और बनावट सही रहे।
- खट्टापन बढ़ाने के लिए: अमचूर पाउडर डालने से इसमें हल्का खट्टापन आता है, लेकिन अगर आप और अधिक खट्टापन पसंद करते हैं तो आप नींबू का रस भी डाल सकते हैं।
- तेल/घी का चयन: इस सब्जी को शुद्ध देशी घी में बनाना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि घी से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। लेकिन आप चाहें तो रिफाइंड तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मसाले का संतुलन: भंडारे वाली सब्जी में ज्यादा तीखे मसाले नहीं होते, इसे हल्के मसालों में ही बनाया जाता है। इसलिए मसालों का संतुलन बनाए रखें, ताकि यह ज्यादा तीखी न हो।
- पानी की मात्रा: पानी की मात्रा आप अपनी पसंद के अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं। अगर आपको थोड़ी गाढ़ी सब्जी पसंद है तो पानी कम डालें, और अगर पतली सब्जी पसंद है तो थोड़ा अधिक पानी डालें।
Bhandare wale Aloo ki Sabji,|
Bhandare wale Aloo ki Sabji banane
ki Vidhi (भंडारे वाले आलू की सब्जी रेसिपी)
Importance of Bhandare wale Aloo ki Sabji:-
भंडारे वाली आलू की सब्जी का स्वाद हर किसी को प्रिय होता है। यह सब्जी साधारण होते हुए भी खास होती है। धार्मिक अनुष्ठानों, सत्संग, हवन और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में इसे बनाकर प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। इसका स्वाद साधारण होते हुए भी अद्वितीय होता है, क्योंकि इसमें सादगी के साथ बनाए गए मसाले और प्यार झलकता है। यह एक प्रकार से भारतीय संस्कृति की पहचान है, जहां साधारण भोजन भी भावनाओं से भरपूर होता है।
इस सब्जी में न तो प्याज का प्रयोग होता है और न ही लहसुन का, जिससे यह सात्विक भोजन का हिस्सा मानी जाती है। धार्मिक अवसरों पर सात्विक भोजन ही प्रमुख रूप से परोसा जाता है, जिसमें प्याज-लहसुन जैसे तामसिक तत्वों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। यही कारण है कि भंडारे वाले आलू की सब्जी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होती है!
Serve:-
इस सब्जी के साथ आमतौर पर पूरी, कचौड़ी , खिचड़ी, सिंघाड़े की कचौड़ी,या पराठा परोसा जाता है।
Conclusion:-
भंडारे वाले आलू की सब्जी एक ऐसी पारंपरिक रेसिपी है, जो साधारण होते हुए भी विशेष अवसरों पर बनाई जाती है। इसका स्वाद और सादगी हर किसी को भाती है। इसे बनाने की विधि बहुत ही सरल है और इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी आमतौर पर हर घर में उपलब्ध होती है।